कुलधरा-राजस्थान के शापित गाँव
CONCEPTS & EXTRACTS IN HINDUISM
By :: Pt. Santosh Bhardwaj
By :: Pt. Santosh Bhardwaj
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कुलधरा 85 गाँवों का ऐसा वीरान क्षेत्र है जहाँ आज भी लोग जाने से डरते हैं।राजस्थान के जैसलमेर शहर से 18 किमी दूर स्थित कुलधरा आज से 500 साल पहले 600 घरों और 85 गावों का पालीवाल ब्राह्मणों से रेगिस्तान में आबाद था।
इस गांँव के नीचे जिप्सम की मोटी परत मौजूद है।
जैसलमेर के दीवान और राजा को ये बात हजम नहीं हुई कि ब्राह्मण इतने आधुनिक तरीके से खेती करके अपना जीवन यापन कर सकते हैं। उन्होंने खेती पर कर बहुत ज्यादा बढ़ा दिया तो पालीवाल ब्राह्मणों ने इसे चुकाने से इंकार कर दिया।
दीवान सलीम सिंह ने गाँव के मुखिया से अपनी बेटी उसे देने को कहा। ऐसा न करने पर दण्ड भोगने की बात कही।
यह अपमान जनक बात ब्राह्मणों को बर्दास्त नहीं हुई। रातों रात 85 गावों की एक महा पंचायत बैठी और निर्णय हुआ कि अत्याचार से बचने के लिये कुलधरा को छोड़ दिया जाये।
रातों रात 85 गाँवों के ब्राह्मण कहँ गए! कैसे गए! और कब गए! इस बात का पता आज तक नहीं लगा। पर जाते-जाते पालीवाल ब्राह्मण शाप दे गए कि कुलधरा हमेशां वीरान रहेगा। इस जमीन पर फिर कोई बस नहीं पायेगा।
आज भी जैसलमेर में जो सामान्य तापमान रहता है, गर्मी हो या सर्दी, कुलधरा का तापमान उससे 4 डिग्री अधिक ही दर्ज किया जाता है। विज्ञानिकों की खोज-बीन से पता चला है कि यहाँ गुप्त शक्तियों का वास है।
कुलधरा की सीमा में आते ही मोबाइल नेटवर्क और रेडियो काम करना बंद कर देते हैं।
शाम होते ही कुलधरा निर्जन हो जाता हे और कोई इन्सान वहँ रुकने-ठहरने की हिम्मत नहीं करता।


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